Martha Medeiros

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी…

दुष्यंत कुमार की यह रचना बहुत प्रभावित करती है क्योंकि यह उस युग में भी सामयिक थी और आज भी सामयिक है। यह कविता संघर्ष करते रहने की प्रेरणा देती है।

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मार्था मेडरिओस की वह कविता जिसे अक्‍सर पाब्लो नेरुदा की कविता बताया गया

मार्था मेडरिओस की यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हम अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करें बजाय कि एक प्रेरणा से रहित जिंदगी बिताने के।

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