भेद मिटाता श्मशान! दोगले समाज की तस्वीर
काश कि मरघट में हिलौर मारने वाले श्मशान वैराग्य की तरह यह चिंतन भी तात्कालिक न हो, जरा अधिक देर हमारे भीतर उथल-पुथल मचाए। काश!
भेद मिटाता श्मशान! दोगले समाज की तस्वीर जारी >
काश कि मरघट में हिलौर मारने वाले श्मशान वैराग्य की तरह यह चिंतन भी तात्कालिक न हो, जरा अधिक देर हमारे भीतर उथल-पुथल मचाए। काश!
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