हिरासत में मौत पर अब भी सिस्टम इतना बेपरवाह
किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले व्यक्तियों को यातना देना उनके अधिकार का उल्लंघन है। यह न्याय प्रणाली की जिम्मेदारी है कि वह अपराध या बेगुनाही का निर्धारण करे, न कि यातना के माध्यम से सजा दे।
किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले व्यक्तियों को यातना देना उनके अधिकार का उल्लंघन है। यह न्याय प्रणाली की जिम्मेदारी है कि वह अपराध या बेगुनाही का निर्धारण करे, न कि यातना के माध्यम से सजा दे।
दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत एक याचिका ने मृत्यु उपरांत संतान उत्पन्न करने के कानूनी और नैतिक पहलुओं सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है। 84 पन्नों के इस फैसले को जानना अहम् है।
विश्व बैंक ने कुपोषण की तुलना ब्लेक डेथ नामक महामारी से की है जिसने 18 वीं सदीं में यूरोप की जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को निगल लिया था।
एक मनोचिकित्सक के रूप में मेरा मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट बढ़ाना अति आवश्यक है, ताकि इसे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के रूप में देखा जा सके और सभी तक पहुंच सुनिश्चित हो।
अक्सर जब परिणाम आते हैं तो एग्जिट पोल औंधे मुंह गिरे होते हैं। चूक वहीं होती है जब एग्जिट पोल को परिणाम का ट्रेलर मान लिया जाता है।
आज इस घटना का जिक्र इसलिए क्योंकि हिंदी दिवस का दिन इस बात के लिए एकदम उपयुक्त है कि हम अनुवादकों की दिक्कतों, उनके काम अहमियत नहीं दिए जाने, उनको असम्मानजनक भुगतान किए जाने जैसे मुद्दों पर भी बात करें।
ये सारी बातें एक खीझे हुए क्षुब्ध मन का शिकायती एकालाप सी लग सकती हैं। परंतु कहना पड़ रहा है क्योंकि इतने सब के बाद जब सिस्टम के साथ-साथ समाज भी सवालिया निगाहों से देखता है तो एक शिक्षक का मन आहत होता है।
सबकुछ विनेश के खिलाफ था लेकिन वह किसी चमत्कार की उम्मीद में वजन कक्ष में पहुंचीं। वहां कोई चमत्कार नहीं हुआ और उनका वजन 100 ग्राम अधिक निकला।
हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने उजागर कर दिया है कि पूर्ण साक्षर राज्य केरल फिल्म इंडस्ट्री के क्षेत्र में पूरी तरह पितृसत्तात्मक व्यवस्था के चंगुल में है।
आज़ादी कोई एक बार मिलकर अनंतकाल तक चलने वाली चीज नहीं है। एक नागरिक के रूप में यह हमारी निरंतर यात्रा है।