बचपन को किताबों से जोड़ें क्योंकि किताबें बहुत कुछ कहना चाहती हैं
किताबें बच्चों को असली दुनिया का तर्जुबा देती हैं। उन्हें आगे चलकर जिन चीजों से निपटना है उनका अनुभव वे किताबें पढ़कर पहले ही पा सकते हैं।
किताबें बच्चों को असली दुनिया का तर्जुबा देती हैं। उन्हें आगे चलकर जिन चीजों से निपटना है उनका अनुभव वे किताबें पढ़कर पहले ही पा सकते हैं।
मेरे जीवन अब बारी थी चलन के मुताबिक ‘गंगा नहाने’ की। लेकिन कौन सी गंगा में,कैसे नहाना है यह मुझे ही तय करना था। मैं एक खास काम करना चाहता था और यही मेरा गंगा स्नान था।
डॉ. श्रीकृष्ण ‘जुगनू’ का व्यक्तित्व एक प्रेरणा है, जो हमें यह सिखाता है कि ज्ञान की खोज और उसके प्रचार-प्रसार में समर्पण और निष्ठा का महत्व कितना बड़ा होता है।
आज शिक्षक दिवस है और हमारी बात भी बिना शिक्षा के संदर्भों के पूरी नहीं हो सकती है कि बढ़ती आधुनिकता और भौतिक सुविधाओं के बीच एक मनुष्य के रूप में हम आखिर विकृत क्यों होते जा रहे हैं?
कैसा हतभाग है कि उम्र बढ़ रही दिन प्रतिदिन, मगर अब तक कोई विपदा में हाथ बढ़ाने वाला न मिला, न फरिश्ता ही आया कोई। न हेठी दिखाता बाल सखा है, न बुद्धिमान का विवेक बढ़ाता मित्र।
अक्सर लगता है वह मदद मांग रहा है, 10-20 रुपए देने से क्या होगा और थोड़ी ज्यादा रकम उसके हवाले कर कसम खाता हूं कि अगली बार धोखा नहीं खाऊंगा।
बुद्ध एक सच्चे कल्याण मित्र थे जिन्होंने स्वयं को गुरु कहने से इनकार किया था और सभी को अपनी रोशनी खुद बनने की सलाह देते थे।
हे संसार के पिताओं! अपने असर से बच्चों को जितना दूर रख सकें उतना अच्छा होगा। उन्हें अपने आप ही खिलने दें, अपने संस्कारों का अनावश्यक बोझ उनपर न डालें।
हे संसार के पिताओं! अपने असर से बच्चों को जितना दूर रख सकें उतना अच्छा होगा। उन्हें अपने आप ही खिलने दें, अपने संस्कारों का अनावश्यक बोझ उनपर न डालें।