मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ, ज़िंदा क्यूँ नहीं होता…
इंसान को अपनी दिनचर्या जागने की तरफ तो ले आती है लेकिन जागने के बाद एक इंसान ऐसा कुछ नहीं कर पाता कि वह ज़िंदा भी महसूस हो।
मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ, ज़िंदा क्यूँ नहीं होता… जारी >
इंसान को अपनी दिनचर्या जागने की तरफ तो ले आती है लेकिन जागने के बाद एक इंसान ऐसा कुछ नहीं कर पाता कि वह ज़िंदा भी महसूस हो।
मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ, ज़िंदा क्यूँ नहीं होता… जारी >
‘कुछ दस्तकें, कुछ दस्तख़त’ के केनवस पर उड़ान के पंख की कलम से लिखे गए चमकीले सुवर्ण हर्फ-हर्फ इस तरह महसूस किए जा सकते हैं जैसे ब्रेल लिपि के पाठक करते हैं।
ताकि संगीत-संस्कृति से हमारा रिश्ता पहले जैसा जरूर हो जारी >
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पिछले कार्यकाल में जिस तरह विपक्षी सांसदों पर सख्ती दिखाते थे, वैसा इस बार देखने को नहीं मिल रहा है। जहां पहले निष्कासन का डर था, वहीं अब केवल समझाने-बुझाने की कोशिश होती है।
आखिर क्यों बदले बदले से ओम बिरला नजर आते हैं… जारी >
होम्योपैथिक उपचार की जटिल प्रकृति को पूरी तरह से समझने के लिए अभी भी अधिक शोध की आवश्यकता है। ये अध्ययन स्वास्थ्य देखभाल में होम्योपैथी की संभावित प्रभावशीलता के बारे में हों।
मीठी गोलियों का जादू… सेहत बनाने में सहायक जारी >
समाजवादी पार्टी जैसी जनता-आधारित पार्टी को ऐसे नेताओं से नुकसान ही होता है, जो समाजवाद की विचारधारा से मेल नहीं खाते।
गर इतनी शिकायत है तो घर क्यों नहीं जाते… जारी >
बापू को गांवों का देशी नुस्खा जिसे ग्राम स्वराज भी कहा जाता है बखूबी याद था, हिंदुस्तान में इसकी जड़ें बहुत बहुत गहरी है। काश हमारे दूसरे नेता भी देशी घी बन पाते तो भारत की सारी बीमारियों का इलाज संभव हो जाता।
महात्मा गांधी को आप देशी घी कह सकते है… जारी >
दुनियादारी सिखाते हुए पापा ने कहा- जीवन से बड़ी कोई किताब नहीं, मगर इसे अपनी रोशन नजर से पढ़ना…
दुनियादारी सिखाते हुए पापा ने कहा… जारी >
ये आठ नाम भले ही अलग-अलग शहरों से जुड़े हों, लेकिन इनकी कहानियां एक ही स्याह सच को बयां करती हैं, और वो हैं- लालच, धोखा और खून से सनी साजिशें।
नफरत की आठ कहानियों का भावार्थ क्या? जारी >
हर ऊंचाई पर पहुंचकर महसूस होता है कि यह वह ऊंचाई नहीं है जिसकी तमन्ना रही है। तो फिर वहां कैसे पहुंचा जा सकता है?
एक ही घूंट में दीवाने जहां तक पहुंचे… जारी >
हिमाचल प्रदेश के शिलाई गांव के प्रदीप और कपिल नेगी भाइयों की शादी चर्चा में है। इन भाइयों ने एक ही महिला से विवाह किया है। अपनी पसंद और परंपरा का जश्न मनाते हुए तीन-दिवसीय समारोह भी आयोजित किया गया।
जमीन का बँटवारा रोकने का उपाय, दो भाइयों की एक पत्नी जारी >