आखिर क्‍यों बदले बदले से ओम बिरला नजर आते हैं…

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पिछले कार्यकाल में जिस तरह विपक्षी सांसदों पर सख्ती दिखाते थे, वैसा इस बार देखने को नहीं मिल रहा है। जहां पहले निष्कासन का डर था, वहीं अब केवल समझाने-बुझाने की कोशिश होती है।

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मीठी गोलियों का जादू… सेहत बनाने में सहायक

होम्योपैथिक उपचार की जटिल प्रकृति को पूरी तरह से समझने के लिए अभी भी अधिक शोध की आवश्यकता है। ये अध्ययन स्वास्थ्य देखभाल में होम्योपैथी की संभावित प्रभावशीलता के बारे में हों।

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गर इतनी शिकायत है तो घर क्‍यों नहीं जाते…

समाजवादी पार्टी जैसी जनता-आधारित पार्टी को ऐसे नेताओं से नुकसान ही होता है, जो समाजवाद की विचारधारा से मेल नहीं खाते।

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महात्मा गांधी को आप देशी घी कह सकते है…

बापू को गांवों का देशी नुस्खा जिसे ग्राम स्वराज भी कहा जाता है बखूबी याद था, हिंदुस्तान में इसकी जड़ें बहुत बहुत गहरी है। काश हमारे दूसरे नेता भी देशी घी बन पाते तो भारत की सारी बीमारियों का इलाज संभव हो जाता।

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नफरत की आठ कहानियों का भावार्थ क्‍या?

ये आठ नाम भले ही अलग-अलग शहरों से जुड़े हों, लेकिन इनकी कहानियां एक ही स्याह सच को बयां करती हैं, और वो हैं- लालच, धोखा और खून से सनी साजिशें।

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एक ही घूंट में दीवाने जहां तक पहुंचे…

हर ऊंचाई पर पहुंचकर महसूस होता है कि यह वह ऊंचाई नहीं है जिसकी तमन्ना रही है। तो फिर वहां कैसे पहुंचा जा सकता है?

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जमीन का बँटवारा रोकने का उपाय, दो भाइयों की एक पत्‍नी

हिमाचल प्रदेश के शिलाई गांव के प्रदीप और कपिल नेगी भाइयों की शादी चर्चा में है। इन भाइयों ने एक ही महिला से विवाह किया है। अपनी पसंद और परंपरा का जश्न मनाते हुए तीन-दिवसीय समारोह भी आयोजित किया गया।

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‘रास्ते पर चलना’ जीवन में भटक जाने का पर्याय था…

ये कविताएं प्रेम के होने का उत्‍सव है। ‘होना’ यानी अस्तित्‍व। अपने अस्तित्‍व को पहचान से उपजी अभिव्‍यक्ति।

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जजों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र में टकराव के मायने

हमें समाज को यह बताने की जरूरत है कि अगर न्यायाधीशों को न्यायाधीशों की नियुक्ति करनी होती तो सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सभी सिफारिशों पर कार्रवाई की जाती। लेकिन ऐसा नहीं होता है।

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