रंगों से फरेब खाने वाले जरा खुशबुओं को आजमाएं…

झूठ सफेद ही क्‍यों होता है? कॉरपेट रेड ही क्‍यों होता है? फीता शाही लाल ही क्‍यों? ‘रेड फ्लेग’ ही क्‍यों और सहमति वाली झंडी हरी ही क्‍यों होती है और शांति के लिए सफेद झंडा ही क्‍यों?

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प्यार के एहसास को ओढ़ना, सलीके से गुजरना

आख़िर तुम्हें गुजरना तो ज़िंदगी की तेज हवाओं के बीच से ही है! ये हवाओं के चिराग़ तुम्हारे पैरहन को जला सकते हैं, तुम्हें बेलिबास कर सकते हैं। तुम नशे में लड़खड़ाओगे ज़रूर और अपने आप को ख़त्म कर लोगे।

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घटिया रील्स से नजरें हटाकर बाहर देखिए तो…

आइए जानते हैं कुछ ऐसी बातें जिन्हें सदियों से महिलाओं के बारे में सच माना जा रहा है लेकिन जिनका हकीकत से कोई वास्ता नहीं।

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ये माह-ए-रमजान है मेरे बच्‍चे, मैं चाहती हूं कि तुम…

तुम्हारी गलती नहीं है, किसी ने भी तुम्हें ये बताया ही नहीं कि तुम्हारा धर्म क्या है, मानसिक ग़ुलामी से अभी तुम हजारों कोस दूर हो क्यूंकि सत्य हैं कि ईश्वर ने तुम्हें सिर्फ इंसान बनाकर भेजा था…हिंदू या मुसलमान नहीं!

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जो कविताएँ जागती रहती हैं सारी रात, किसी एक सुबह…

यह कविता न तो केवल सौंदर्य का बखान है और न ही केवल सामाजिक यथार्थ का निरूपण। यह “आनंद सिद्धांत” और “उल्लासोद्वेलन” के बीच की उस झीनी दीवार को पार करने का प्रयास है, जहाँ विचार, दृश्य और भाषा अपनी स्थिरता खो देते हैं।

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ट्रंप के क्रियाकलापों से भारत ही क्यों इतना ज्‍यादा परेशान?

यह एक गंभीर सवाल है कि ट्रंप के क्रियाकलापों से भारत ही क्यों इतना ज्‍यादा परेशान हो रहा है? क्यों ट्रंप भारत के अवैध आप्रवासियों को अन्य देशों के आप्रवासियों की तुलना में ज्‍यादा सता रहे हैं और उनकी यातनाओं का सारी दुनिया के सामने प्रदर्शन भी कर रहे हैं?

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शिव-पार्वती: तूफानों में स्थिर दाम्‍पत्य, भारतीय लोकमानस का आस्‍था केंद्र

यदि हमें प्रेम और पारिवारिक संबंधों को नए सिरे से समझना है, तो हमें शिव को देखना होगा- जहाँ प्रेम और आदर्श एक-दूसरे के विरोध में नहीं, बल्कि एक-दूसरे में विलीन हो जाते हैं।

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सरकारी प्रतिबंध से कितना रूक जाएगा भीख मांगना और देना?

कई राज्यों ने भीख के उन्मूलन के लिए अधिनियम पारित किए हैं, लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं। इस समस्या के समाधान के लिए सभी राज्यों में एकसमान अधिनियम बनाए जाने चाहिए और पुनर्वास योजनाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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ये अजीब बीमारी, पल भर में दे रही मौत, थोड़ी सतर्कता बचा सकती है जान

परिवारों में इस स्थिति के प्रबंधन के लिए आनुवंशिक लिंक को समझना आवश्यक है। प्रभावित व्यक्तियों की जल्दी पहचान करके, उचित निगरानी और जीवनशैली में बदलाव करके जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

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अपने में से गुजरकर मिलने वाली नई राह!

विचार हमारे अंदर इस कदर जमे हुए हैं कि इनसे अपने आपको खाली करने का विचार कभी हमें आता ही नहीं। इस तरह कुल मिलाकर हम विचारों के ही पूंजीपति होकर रह जाते हैं। जरा सोचिए विचार के अलावा भला हम और आप आखिर हैं ही क्या!

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