डगमगाते कवियों का क्या?
कल्पित का कृत्य महज नशे में की गई ‘चूक’ नहीं, बल्कि उनकी उस मानसिक संरचना का प्रतिशोध है जिसमें स्त्री उनके लिए अब कोई प्रेरणा नहीं, बल्कि प्रतिरोध बन चुकी थी।
डगमगाते कवियों का क्या? जारी >
कल्पित का कृत्य महज नशे में की गई ‘चूक’ नहीं, बल्कि उनकी उस मानसिक संरचना का प्रतिशोध है जिसमें स्त्री उनके लिए अब कोई प्रेरणा नहीं, बल्कि प्रतिरोध बन चुकी थी।
डगमगाते कवियों का क्या? जारी >
प्रख्यात जनवादी कथाकार-आलोचक नीलकांत का 14 जून 2025 की सुबह 90 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे उस पीढ़ी के कथाकार और आलोचक थे जिनके लिए विचारधारा के विशेष मायने थे।
नीलकांत जी एक व्यक्ति नहीं, एक सतत विचार थे जारी >
इस पुस्तक में युवा साहित्यकार आशीष दशोत्तर ने अपने शहर ‘रतलाम’ के 56 रचनाकारों के कविकर्म से परिचित करवाने का बेहद अहम् कार्य किया है।
घर के जोगी: रतलाम के कवित्त और उसकी विशिष्टता का लेखा जारी >