लॉकडाउन के 6 साल: सत्यम श्रीवास्तव के मार्फत स्मृतियाँ हिसाब माँग रही हैं…
सत्यम श्रीवास्तव की किताब ‘स्मृतियाँ जब हिसाब माँगेंगी’ को पढ़ते हुए हम कोविड 19 से मिले दंश को दोबारा महसूस करते हैं। बल्कि यह कहना सतही होगा। उपयुक्त तो यह है कि इस पुस्तक को पढ़ते हुए हम उन बातों से रूबरू होते हैं जो उस वक्त बड़े समाज के गौर में नहीं आई।
लॉकडाउन के 6 साल: सत्यम श्रीवास्तव के मार्फत स्मृतियाँ हिसाब माँग रही हैं… जारी >