मेरे प्रेम करने के सपने उस घटना के साथ चूर-चूर हो गए
रास्ते भर मैं मंत्रमुग्ध सा, दूर-दूर तक बरसते पानी, फैले हुए खेत और कमर झुकाए कतार में आगे बढ़ते महिला-पुरुषों को देख रहा था।
मेरे प्रेम करने के सपने उस घटना के साथ चूर-चूर हो गए जारी >
रास्ते भर मैं मंत्रमुग्ध सा, दूर-दूर तक बरसते पानी, फैले हुए खेत और कमर झुकाए कतार में आगे बढ़ते महिला-पुरुषों को देख रहा था।
मेरे प्रेम करने के सपने उस घटना के साथ चूर-चूर हो गए जारी >
रास्ते भर मैं मंत्रमुग्ध सा, दूर-दूर तक बरसते पानी, फैले हुए खेत और कमर झुकाए कतार में आगे बढ़ते महिला-पुरुषों को देख रहा था।
पानी भरे खेत, घास के गुच्छे, झुके लोग… मैं मंत्रमुग्ध देखता रहा जारी >