happy new year

2025 में यूं अपने आप तो कुछ भी नहीं बदलेगा

उम्‍मीद करें कि नए वर्ष में आप भवानी प्रसाद मिश्र की कविता ‘कुछ लिखकर सो, कुछ पढ़कर सो, जिस जगह सवेरे जागा तू, उससे कुछ आगे बढ़कर सो’ के अंदाज में हर दिन जीते रहें।

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यादें 2024: जमानत पर बदला न्याय का तरीका

जुलाई 24 से लेकर अब तक सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आरोपी लोगों की एक बड़ी संख्या को जमानत दी है या उनकी जमानत की पुष्टि की है। इन फैसलों से परिप्रेक्ष्य में बदलाव का स्पष्ट संकेत मिलता है।

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