आपको भी मीठी बीमारी हो गई और पता ही नहीं चला…
किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले व्यक्तियों को यातना देना उनके अधिकार का उल्लंघन है। यह न्याय प्रणाली की जिम्मेदारी है कि वह अपराध या बेगुनाही का निर्धारण करे, न कि यातना के माध्यम से सजा दे।
किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले व्यक्तियों को यातना देना उनके अधिकार का उल्लंघन है। यह न्याय प्रणाली की जिम्मेदारी है कि वह अपराध या बेगुनाही का निर्धारण करे, न कि यातना के माध्यम से सजा दे।