जिन्होंने सिखाया चलते रहना ही जिंदगी है, रूकना यानी जड़ता
गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर महर्षि वेद व्यास की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले समस्त गुरूओं के सम्मान में समर्पित यह लेख।
गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर महर्षि वेद व्यास की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले समस्त गुरूओं के सम्मान में समर्पित यह लेख।
यह देखना-दिखना आखिर है क्या? कभी सोचा है? देखना या दिखाई देना एक तरह से एक आदिम भूख या कह लें प्यास का नाम है, यह आग जैसी तासीर की है।