साल नया पर मन का क्या?
क्या हम अपने जीवन की पूरी दिशा बदल सकते हैं? या हम सिर्फ संकीर्ण, घटिया, अर्थहीन जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं? क्या हम यह सब छोड़ सकते हैं और एक साफ स्लेट के साथ नए सिरे से शुरुआत कर सकते हैं?”
क्या हम अपने जीवन की पूरी दिशा बदल सकते हैं? या हम सिर्फ संकीर्ण, घटिया, अर्थहीन जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं? क्या हम यह सब छोड़ सकते हैं और एक साफ स्लेट के साथ नए सिरे से शुरुआत कर सकते हैं?”
आइए, बात करते हैं 2025 के लिए कुछ ऐसे ही संकल्पों की जो एक व्यक्ति, परिवार के सदस्य और सामाजिक रूप से भी हमें बेहतर मनुष्य बना सकें।
उम्मीद करें कि नए वर्ष में आप भवानी प्रसाद मिश्र की कविता ‘कुछ लिखकर सो, कुछ पढ़कर सो, जिस जगह सवेरे जागा तू, उससे कुछ आगे बढ़कर सो’ के अंदाज में हर दिन जीते रहें।
जुलाई 24 से लेकर अब तक सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आरोपी लोगों की एक बड़ी संख्या को जमानत दी है या उनकी जमानत की पुष्टि की है। इन फैसलों से परिप्रेक्ष्य में बदलाव का स्पष्ट संकेत मिलता है।