अपने में से गुजरकर मिलने वाली नई राह!
विचार हमारे अंदर इस कदर जमे हुए हैं कि इनसे अपने आपको खाली करने का विचार कभी हमें आता ही नहीं। इस तरह कुल मिलाकर हम विचारों के ही पूंजीपति होकर रह जाते हैं। जरा सोचिए विचार के अलावा भला हम और आप आखिर हैं ही क्या!
अपने में से गुजरकर मिलने वाली नई राह! जारी >