बहुत शोर सुनते हैं उनके हक का, मगर संख्या महज 74
ये विडंबना ही है कि पार्टियां आधी आबादी को चुनाव में उम्मीदवार बनाने से कतराती हैं। कई जगह दिग्गजों के खिलाफ सिर्फ नाम के लिए उन्हें खड़ा कर दिया जाता है।
ये विडंबना ही है कि पार्टियां आधी आबादी को चुनाव में उम्मीदवार बनाने से कतराती हैं। कई जगह दिग्गजों के खिलाफ सिर्फ नाम के लिए उन्हें खड़ा कर दिया जाता है।