यदि यह उम्मीद है तो काश पूरी हो गई हो
उसकी हालत देखकर लग रहा था कि इस वक्त कोई ऐसा होना चाहिए इसके पास जो प्यार से कुछ पूछ भर दे…नरमाहट से हथेलियों को थाम ले… सर पर हाथ फिरा दे…।
यदि यह उम्मीद है तो काश पूरी हो गई हो जारी >
उसकी हालत देखकर लग रहा था कि इस वक्त कोई ऐसा होना चाहिए इसके पास जो प्यार से कुछ पूछ भर दे…नरमाहट से हथेलियों को थाम ले… सर पर हाथ फिरा दे…।
यदि यह उम्मीद है तो काश पूरी हो गई हो जारी >
जब आप साइलेंस का चुनाव करते हैं तो आप अपना चुनाव करते हैं। साइलेंस अगर आपकी दिनचर्या की प्राथमिकता बन जाए तो एक दिन आप अपने भीतर अपना एक सूरज उगा सकेंगे, अगर आपको अपनी ही रोशनी की तलाश है तो !
खामोशी को जान लिया तो अपना सूरज उगा लेंगे आप जारी >
आपके भीतर ही बना-बैठा एक स्पीड ब्रेकर है एवरेस्ट जितना ऊंचा, जो आपको कहीं भी न पहुंचने देने के लिए सदा से कटिबद्ध है, और वह है मन।
जिनमें आत्मा नहीं वे चेहरा ही बने रहते हैं जारी >
किताबें बच्चों को असली दुनिया का तर्जुबा देती हैं। उन्हें आगे चलकर जिन चीजों से निपटना है उनका अनुभव वे किताबें पढ़कर पहले ही पा सकते हैं।
बचपन को किताबों से जोड़ें क्योंकि किताबें बहुत कुछ कहना चाहती हैं जारी >
उपयोगितावादी दृष्टिकोण के चलते चीजों की ही तरह, विचारों को भी हम इकट्ठा करते चले जाते हैं। इस तरह पुरानी होती चली जाती चीजों के साथ-साथ आप पुराने होते जाते हैं। फिर इस भार के नीचे हम दबते चले जाते हैं।
सत्य की खोज क्या है? चीजों को वैसे देखना जैसी वे हैं जारी >
भीड़ समवेत स्वर में जोर से चिल्लाई-छोड़ दो….। दादा ने बिना सुलगा सुतलीबम फेंक दिया। लोग हंसने लगे।
दादा ने सुतली बम पकड़े रखा और जलती कंडी फेंक दी जारी >
हर बार आप आश्चर्य से सीखते हैं। जो ज्ञान अचानक प्रस्फुटित हो, वही सिखा जाता है। हर अचानक घटना एक आश्चर्य का होना है।
इस तरह की प्रतीक्षाओं का अंत हो जाता है… जारी >
शायरी वो कमाल की है कि सीधे दिल में उतरती है। वैसे ही जैसे दिल से कही जाती है। उन्हें खूब सुना गया। जितना सुना गया उससे ज्यादा सुनाया गया। कभी अपने हाल बताने के लिए, कभी अपने दिल की कहानी जताने के लिए।
तू जहां तक दिखाई देता है, उससे आगे मैं देखता ही नहीं जारी >
बचपन से ही इस खेल को बूझने की तमन्ना थी जिसके बोल हैं-गोल-गोल रानी,इत्ता-इत्ता पानी। आइए आज इस खेल की कहानी को समझते हैं। शरद पूर्णिमा की रात समझते हैं कि गोल का आखिर चक्कर क्या है!
गोल-गोल रानी,इत्ता-इत्ता पानी, उजाले के खेल की कहानी जारी >
जब-जब आप किसी को मुस्कराते देखें तो हार्वी बाल को जरूर याद करें जिन्होंने मुस्कान को एक नया चेहरा दिया।
वर्ल्ड स्माइल डे: जब मुस्कान को चेहरा मिला जारी >