धरती की धड़कनें सुनने के लिए, बीज होना होता है… हवा में बहना होता है

  • प्रो. संजीव कुमार

1 thought on “धरती की धड़कनें सुनने के लिए, बीज होना होता है… हवा में बहना होता है”

  1. mani mohan mehta

    वाह,बहुत सुंदर
    इतनी अच्छी नदी की धार की तरह पारदर्शी और प्राजंल भाषा ।बधाई और शुभकामनाएं।

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