किसी व्यक्ति को डराना आईपीसी की धारा 387 के तहत अपराध
क्या अदृश्य शक्ति के प्रभाव में कोई अपने बच्चों की हत्या कर सकता है!
हम एआई से डरते हैं क्योंकि वह मुनष्य न हो कर भी निर्णय ले सकता है…
समाचार एजेंसी ने किया एक शब्द का गलत अनुवाद और हुआ सर्वनाश
साथ-साथ चलने चाहिए वैचारिक स्वतंत्रता और जनसंघर्ष
जब वास्तविकता और कल्पना के बीच अंतर करने में कठिनाई हो
दक्षिण भारत में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई हर समुदाय में क्यों इस विवाह का चलन?
मेरिट यानी योग्यता: भ्रम या सचाई?
टैरिफवाद केवल आर्थिक नीति नहीं, इसे वैचारिक युद्ध की घोषणा समझें
खाली जेबें और आकांक्षी मन
राजरंग
‘कठघरे में साँसें’: क्यों पढ़ें यह किताब?
यह किताब इसलिए पढ़ी जानी चाहिए कि यह लेखक की आत्मकथा नहीं उस शहर भोपाल की आत्मकथा है जिसने अपने…
बच्चों के हक में…
बच्चों का यौन शोषण एक व्यापक और गहरी जड़ वाली समस्या है जिसने दुनिया भर के समाजों को परेशान किया…
उसे जिंदा रहने दें या मार दें … ?
सुप्रीम कोर्ट ने एक बुजुर्ग दंपति की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने अपने कोमा में पड़े 30 साल के…
सबरंग
मंच पर ‘बूढ़ी काकी’: काकी का अधीर मन और इच्छा का प्रबल प्रवाह
बचपन में पढ़ी यह कहानी तो आपको याद होगी? कथा सम्राट प्रेमचंद की प्रख्यात कहानी ‘बूढ़ी काकी’। संपर्क बुनियादी शाला…
यादों का कारवां: बाई आज तू वेती तो…
मदर्स डे पर मां का फोटो देख कर मुझे बस एक बात ही याद आई.. बाई तू आज वेती तो…
अनिल यादव की नजर से: सफेद बाघ को समझने के 29 मिनट
प्रख्यात पत्रकार और वन्य जीवन विशेषज्ञ स्व.अनिल यादव की फिल्म ‘सफेद बाघ: अनंत कैद, बीज नाश या आजादी?’ याद दिलाती…
मनरंग
जैसे,पास तो होना चाहता है लेकिन जताना नहीं चाहता
बाघ झाड़ी में छिपा होगा। उसकी आँखें चमक रही होगीं। उसकी गंध इसे भी आई होगी। इसने चाहा भी होगा…
साइकिल की अपनी एक तहजीब होती है
साइकिल पर चलता इंसान जीवन और अपनी खुद की गति के बीच एक अद्भुत ताल-मेल बैठा लेता है, और उनके…
हे मेरे मरण, आ और मुझसे बात कर
अहा! उसकी वे स्नेह भरी आँखें! आँखे भर क्यों? चेहरा, देह, देह का रोम-रोम जिस स्नेह से, जिस प्रेम से…
जीवनरंग
एक कवि की उपस्थिति में उगता है नववर्ष का पहला सूर्य!
मेरा कहने का अर्थ है कि क्या आपका संस्थान लोगों को नौकरी देते वक्त या आप अपनी टीम चुनते वक्त…
धरती की धड़कनें सुनने के लिए, बीज होना होता है… हवा में बहना होता है
गुरुडोंगमर की चुप्पी और कन्याकुमारी की गर्जना- दोनों एक ही संगीत के स्वर। जीवन इस संगीत में बहता है, हर…
केवल अनुभव किया जा सकता था,आस्था का महासागर था वह
रास्ते भर मन कल्पनाओं में तैरता रहा, गंगा का दिव्य स्वरूप, साधु-संतों के अखाड़े, मंत्रों की गूंज और असंख्य दीपों…
ज्ञानरंग
अनुभव में नहीं आती तब तक सवाल ही बनी रहती है जिंदगी
ऊर्जा का मौलिक गुण होता है कि वह स्वतंत्र रहना चाहती है, बंधकर रहना उसे भाता नहीं। मनुष्य के अंदर…
काम में आनंद ढूंढना और आनंद से काम करना, जिनका जीवन दर्शन
आज हम बात कर रहे हैं ऑर्गेनिक संवाद को बनाए रखने के लिए गठित प्रोफेशनल्स के समूह संवाद और संपर्क…
ईश्वर आपकी यात्रा सफल करे… कहने का अर्थ क्या है
सोचकर देखिए! यात्रा में एक बार बगल में किसी की नेविगेटर सीट पर अगर ईश्वर सहयात्री के रूप में बैठ…