दक्षिण भारत में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई हर समुदाय में क्यों इस विवाह का चलन?
मेरिट यानी योग्यता: भ्रम या सचाई?
टैरिफवाद केवल आर्थिक नीति नहीं, इसे वैचारिक युद्ध की घोषणा समझें
खाली जेबें और आकांक्षी मन
अभिव्यक्ति की आजादी सबसे कीमती, इसे दबाया नहीं जा सकता
एक तरफ विज्ञान अपने श्रेष्ठतम रूप में, दूसरी तरफ…
Grok: व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का झूठ टूट रहा है पर इसे क्षणिक ही मानिए
… तो पांच साल ज्यादा जी सकते हैं हम भारतीय
घटिया रील्स से नजरें हटाकर बाहर देखिए तो…
ट्रंप के क्रियाकलापों से भारत ही क्यों इतना ज्यादा परेशान?
राजरंग
‘कठघरे में साँसें’: क्यों पढ़ें यह किताब?
यह किताब इसलिए पढ़ी जानी चाहिए कि यह लेखक की आत्मकथा नहीं उस शहर भोपाल की आत्मकथा है जिसने अपने…
बच्चों के हक में…
बच्चों का यौन शोषण एक व्यापक और गहरी जड़ वाली समस्या है जिसने दुनिया भर के समाजों को परेशान किया…
उसे जिंदा रहने दें या मार दें … ?
सुप्रीम कोर्ट ने एक बुजुर्ग दंपति की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने अपने कोमा में पड़े 30 साल के…
सबरंग
मंच पर ‘बूढ़ी काकी’: काकी का अधीर मन और इच्छा का प्रबल प्रवाह
बचपन में पढ़ी यह कहानी तो आपको याद होगी? कथा सम्राट प्रेमचंद की प्रख्यात कहानी ‘बूढ़ी काकी’। संपर्क बुनियादी शाला…
यादों का कारवां: बाई आज तू वेती तो…
मदर्स डे पर मां का फोटो देख कर मुझे बस एक बात ही याद आई.. बाई तू आज वेती तो…
अनिल यादव की नजर से: सफेद बाघ को समझने के 29 मिनट
प्रख्यात पत्रकार और वन्य जीवन विशेषज्ञ स्व.अनिल यादव की फिल्म ‘सफेद बाघ: अनंत कैद, बीज नाश या आजादी?’ याद दिलाती…
मनरंग
हे मेरे मरण, आ और मुझसे बात कर
अहा! उसकी वे स्नेह भरी आँखें! आँखे भर क्यों? चेहरा, देह, देह का रोम-रोम जिस स्नेह से, जिस प्रेम से…
… जैसे किसी को सदियों बाद अपनी प्रेमिका की चिट्ठी मिल गई हो
जब कोई प्रेम कविता लिखी जाती है तो उसमें महुआ का नाम भले न हो लेकिन उसकी गंध ज़रूर होती…
ये माह-ए-रमजान है मेरे बच्चे, मैं चाहती हूं कि तुम…
तुम्हारी गलती नहीं है, किसी ने भी तुम्हें ये बताया ही नहीं कि तुम्हारा धर्म क्या है, मानसिक ग़ुलामी से…
जीवनरंग
एक कवि की उपस्थिति में उगता है नववर्ष का पहला सूर्य!
मेरा कहने का अर्थ है कि क्या आपका संस्थान लोगों को नौकरी देते वक्त या आप अपनी टीम चुनते वक्त…
धरती की धड़कनें सुनने के लिए, बीज होना होता है… हवा में बहना होता है
गुरुडोंगमर की चुप्पी और कन्याकुमारी की गर्जना- दोनों एक ही संगीत के स्वर। जीवन इस संगीत में बहता है, हर…
केवल अनुभव किया जा सकता था,आस्था का महासागर था वह
रास्ते भर मन कल्पनाओं में तैरता रहा, गंगा का दिव्य स्वरूप, साधु-संतों के अखाड़े, मंत्रों की गूंज और असंख्य दीपों…
ज्ञानरंग
काम में आनंद ढूंढना और आनंद से काम करना, जिनका जीवन दर्शन
आज हम बात कर रहे हैं ऑर्गेनिक संवाद को बनाए रखने के लिए गठित प्रोफेशनल्स के समूह संवाद और संपर्क…
ईश्वर आपकी यात्रा सफल करे… कहने का अर्थ क्या है
सोचकर देखिए! यात्रा में एक बार बगल में किसी की नेविगेटर सीट पर अगर ईश्वर सहयात्री के रूप में बैठ…
जीवन महज एक अनुभव है, हमें जिसे केवल देखना है
रातों में तारों को हमारा निहारना कहीं हमारे होने की दिशा से हमारा बतियाना ही तो नहीं! एक फूल जब…