गुरुजी…कोमल गौरैया कुंज में श्वान की आक्रामकता
मैं गुरुजी के रचना संसार में खोया था। तभी एक सवाल से मेरी तंद्रा टूटी। उप्पल सर ने मुझसे पूछा कि क्या आप कभी गुरुजी से मिले हैं?
गुरुजी…कोमल गौरैया कुंज में श्वान की आक्रामकता जारी >
मैं गुरुजी के रचना संसार में खोया था। तभी एक सवाल से मेरी तंद्रा टूटी। उप्पल सर ने मुझसे पूछा कि क्या आप कभी गुरुजी से मिले हैं?
गुरुजी…कोमल गौरैया कुंज में श्वान की आक्रामकता जारी >
इस पुस्तक को पढ़कर महसूस होता है कि इंसानी भावनाओं और बातचीत का डायनामिक्स हमारी ज़िंदगी में बहुत कुछ मायने रखता है।
शब्दों के ऑर्केस्ट्रा में साइंस एक म्यूजिकल स्ट्रिंग जारी >
पहली बार जब उसको गले लगाया था तो उसकी और से मुझे उत्तर मिला था। लेकिन अब नहीं। पेड़ का शरीर तो खड़ा था लेकिन उसके प्राण निकल गए थे।
मां की याद हरी है,पेड़ सूख गया है… जारी >
पीएचडी की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं तो उनका उत्तर भी आना चाहिए। आखिर, विद्यार्थी अपने शिक्षकों और विश्वविद्यालय प्रबंधन से ही उम्मीद नहीं करेंगे तो किससे करेंगे? क्या प्रवेश के लिए, चयन के लिए, नौकरी पाने के लिए विद्यार्थियों को मोर्चा निकालना होगा, हड़ताल करनी होगी, विधिक प्रक्रिया अपनानी होगी? और यदि वे यही करेंगे तो पढ़ेंगे कब?
DU में PhD विवाद: क्या बोलना भी जुर्म है और पारदर्शिता मांगना गुनाह? जारी >