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आप देश के लिए क्‍या कर सकते हैं?

नागरिकों को अपने अधिकारों के साथ-साथ देश के प्रति अपने कर्तव्यों के बारे में भी पता होना चाहिए जिनका उन्हें ध्यान रखना चाहिए।

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जिनमें आत्मा नहीं वे चेहरा ही बने रहते हैं

आपके भीतर ही बना-बैठा एक स्पीड ब्रेकर है एवरेस्ट जितना ऊंचा, जो आपको कहीं भी न पहुंचने देने के लिए सदा से कटिबद्ध है, और वह है मन।

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बचपन को किताबों से जोड़ें क्योंकि किताबें बहुत कुछ कहना चाहती हैं

किताबें बच्चों को असली दुनिया का तर्जुबा देती हैं। उन्हें आगे चलकर जिन चीजों से निपटना है उनका अनुभव वे किताबें पढ़कर पहले ही पा सकते हैं।

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सत्य की खोज क्‍या है? चीजों को वैसे देखना जैसी वे हैं

उपयोगितावादी दृष्टिकोण के चलते चीजों की ही तरह, विचारों को भी हम इकट्ठा करते चले जाते हैं। इस तरह पुरानी होती चली जाती चीजों के साथ-साथ आप पुराने होते जाते हैं। फिर इस भार के नीचे हम दबते चले जाते हैं।

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हिरासत में मौत पर अ‍ब भी सिस्‍टम इतना बेपरवाह

किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले व्यक्तियों को यातना देना उनके अधिकार का उल्लंघन है। यह न्याय प्रणाली की जिम्मेदारी है कि वह अपराध या बेगुनाही का निर्धारण करे, न कि यातना के माध्यम से सजा दे।

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उस दिन यह अहसास हुआ कि जाने वाला कहीं नहीं जाता

आबिदा के सूफी कलाम और पंडित जसराज के राग सुनती हूं तो पिता जीवंत हो जाते हैं। सब कलाकारों, सूफियों, अवधूतों से मेरी पहचान करवाने वाले वही थे।

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मौत के बाद भी प्रजनन का अधिकार: क्‍या हम तैयार हैं?

दिल्‍ली हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्‍तुत एक याचिका ने मृत्‍यु उपरांत संतान उत्पन्न करने के कानूनी और नैतिक पहलुओं सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है। 84 पन्नों के इस फैसले को जानना अहम् है।

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शरद है साल की पहली प्यारी मुस्कान

शरद ऋतु मानसून का विदाई गीत है। बारिश प्रकृति के शुद्धिकरण का त्यौहार है। उसके बाद कोई अदृश्य चितेरा बारिश में धुले, स्वच्छ आकाश के कैनवास पर हर कल्पनीय रंग बिखेर जाता है।

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दादा ने सुतली बम पकड़े रखा और जलती कंडी फेंक दी

भीड़ समवेत स्वर में जोर से चिल्लाई-छोड़ दो….। दादा ने बिना सुलगा सुतलीबम फेंक दिया। लोग हंसने लगे।

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इस तरह की प्रतीक्षाओं का अंत हो जाता है…

हर बार आप आश्चर्य से सीखते हैं। जो ज्ञान अचानक प्रस्फुटित हो, वही सिखा जाता है। हर अचानक घटना एक आश्चर्य का होना है।

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