मैं एक ‘बुरी’ मां हूं और मुझे इसका कोई पछतावा नहीं
मैं ‘बुरी’ मां हूं क्योंकि मैं रोबोट की तरह व्यवहार नहीं कर सकती। मुझे भी गुस्सा आता है, मुझे भी रोना आता है, मैं फिल्मों और टीवी और फिल्मों में नजर आने वाली मां की तरह मां नहीं हूं।
मैं ‘बुरी’ मां हूं क्योंकि मैं रोबोट की तरह व्यवहार नहीं कर सकती। मुझे भी गुस्सा आता है, मुझे भी रोना आता है, मैं फिल्मों और टीवी और फिल्मों में नजर आने वाली मां की तरह मां नहीं हूं।
मानव संबंध तो जटिल होते ही हैं पर जितनी जटिलता मां, बेटे और बहू के संबंध में अभिव्यक्त होती है, वह तो अद्भुत और असाधारण होती है! उसकी कोई तुलना ही नहीं!
गुलमोहर हमें बताता है कि सबके साथ रहकर भी सबसे अलग रहना, सबमें अलग होना क्या होता है। कैसे सबके बीच रहकर भी अपनी विशिष्टता के कारण अलग से पहचाने जाते हैं हम।
सुंदर मठ, झरनें, झीलें और शांत कैफे, जहां आज का कर्कश विदेशी संगीत नहीं बल्कि धीमे स्वर में चलते बौद्ध मंत्र मैक्लोडगंज को एक दिलचस्प पर्यटन स्थल बनाने में योगदान करते हैं।
किसी भी शहर को देखने का, उसे याद रखने का सबका एक अलग नजरिया होता है। यायावरी के जुनून को पंख देकर आज उड़ चली हूं मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में स्थिति दो प्रसिद्ध मंदिरों के प्रांगण में।
जिसे हम बुद्धिमान कहते हैं वह एक बहुत ही चतुर और धूर्त व्यक्ति हो सकता है, और जिसे मूर्ख कहते हैं, वह बड़ा ही धैर्यवान, शांतचित्त, गहरी दृष्टि रखने वाला कोई व्यक्ति भी हो सकता है। सबसे कीमती बात है यह जानना कि हम क्या नहीं जानते।
“हां, मुझे आज भी डर लगता है। अल सुबह जब मैं वॉक या दौड़ने के लिए या फिर साइकिल चलाने के लिए अकेले निकलती हूं तो मुझे डर लगता है। इस डर के कारण ही मैं कोशिश करती हूं कि हूडी वाले जैकेट पहनूं जिससे मेरे स्त्री या पुरुष होने को लेकर भ्रम की स्थिति बन जाए।” इसकी वजह एकदम साफ है। बचपन में पैदल स्कूल जाते समय ही मुझे लोगों की निगाहों को पढ़ना आ गया था और शायद हर महिला को यह हुनर विरासत में मिलता है।
आज इतने साल बाद मिलने पर, उससे जी भर मिल लेने की इच्छा पर काबू पाना मुश्किल लग रहा था। ऐसा लगा कि जैसे कोई सपना जाग गया हो। स्मृतियाँ जैसे सामने टहलने लगीं…
जब कभी मैं उदास होती हूं तो वह मुझे आवाज देती है-मानो कह रही हो, ‘चलो दोस्त लॉन्ग ड्राइव पर चलते हैं।’ मुझे उससे और उसे मुझसे गहरा इश्क है। उसके पहिये मेरे लिए पंख हैं। मैं उनके दम पर उड़ान भरती हूं।
आज आपको अपने संग सैर करवाती हूं मुरैना जिले के सिहोनिया कस्बे में स्थित ‘ककनमठ मंदिर’ की, जो भुरभुरी रेतीली मिट्टी वाले खेतों के बीच खड़ा इतराता है। यह मंदिर अपनी अचरज भरी विशिष्टता के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।