कवि, चित्रकार, किस्सागो, यायावर और प्रेमी इसे बारम्‍बार देखें

मधुबन कॉटेज केवल एक गंतव्य नहीं है; यह एक जीवनशैली है। इसने मुझे धीमा होना सिखाया है, छोटे-छोटे क्षणों का आनंद लेना सिखाया है, और सादगी में खुशी पाना सिखाया है, अपनी शाश्वत सुंदरता और शांत आकर्षण के साथ।

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जो डूबा सो पार…इब्तिदा में ही रेह गए सब यार

शारीरिक तौर पर दिमाग से दिल की भौतिक दूरी सिर्फ 18 इंच के करीब होती है पर उसे पूरा करने में अक्सर जिंदगी बीत जाया करती है।

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आपको भी मीठी बीमारी हो गई और पता ही नहीं चला…

किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले व्यक्तियों को यातना देना उनके अधिकार का उल्लंघन है। यह न्याय प्रणाली की जिम्मेदारी है कि वह अपराध या बेगुनाही का निर्धारण करे, न कि यातना के माध्यम से सजा दे।

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आप देश के लिए क्‍या कर सकते हैं?

नागरिकों को अपने अधिकारों के साथ-साथ देश के प्रति अपने कर्तव्यों के बारे में भी पता होना चाहिए जिनका उन्हें ध्यान रखना चाहिए।

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जिनमें आत्मा नहीं वे चेहरा ही बने रहते हैं

आपके भीतर ही बना-बैठा एक स्पीड ब्रेकर है एवरेस्ट जितना ऊंचा, जो आपको कहीं भी न पहुंचने देने के लिए सदा से कटिबद्ध है, और वह है मन।

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बचपन को किताबों से जोड़ें क्योंकि किताबें बहुत कुछ कहना चाहती हैं

किताबें बच्चों को असली दुनिया का तर्जुबा देती हैं। उन्हें आगे चलकर जिन चीजों से निपटना है उनका अनुभव वे किताबें पढ़कर पहले ही पा सकते हैं।

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सत्य की खोज क्‍या है? चीजों को वैसे देखना जैसी वे हैं

उपयोगितावादी दृष्टिकोण के चलते चीजों की ही तरह, विचारों को भी हम इकट्ठा करते चले जाते हैं। इस तरह पुरानी होती चली जाती चीजों के साथ-साथ आप पुराने होते जाते हैं। फिर इस भार के नीचे हम दबते चले जाते हैं।

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हिरासत में मौत पर अ‍ब भी सिस्‍टम इतना बेपरवाह

किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले व्यक्तियों को यातना देना उनके अधिकार का उल्लंघन है। यह न्याय प्रणाली की जिम्मेदारी है कि वह अपराध या बेगुनाही का निर्धारण करे, न कि यातना के माध्यम से सजा दे।

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उस दिन यह अहसास हुआ कि जाने वाला कहीं नहीं जाता

आबिदा के सूफी कलाम और पंडित जसराज के राग सुनती हूं तो पिता जीवंत हो जाते हैं। सब कलाकारों, सूफियों, अवधूतों से मेरी पहचान करवाने वाले वही थे।

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