कुछ लोग मिले फरिश्‍तों जैसे…वो जिनके हाथ में रहता है परचम-ए-इंसां

जीना, असल में सरल आचरण और मनोभाव का समुच्च्यन है। हम विज्ञान, विचारणा, वितर्क और चिंतन के जंगल में मानवीयता को लगभग भूल चुके हैं, ऐसे में कुछ लोग मिले जो फरिश्‍तों जैसे हैं।

कुछ लोग मिले फरिश्‍तों जैसे…वो जिनके हाथ में रहता है परचम-ए-इंसां जारी >