महंगे कलमों के दौर में उसका नेपथ्य में चले जाना…

आज जब दुनिया में लाखों बल्कि करोड़ों रुपये मूल्य के कलम उपलब्ध हैं तब नरकट के कलम की याद वैसी ही है जैसे पीएनजी के दौर में दुनिया की पहली आग की याद या फिर सुपर कारों के इस दौर में दुनिया के पहले पहिए की याद।

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