फैंड्री: सिर्फ सिनेमा नहीं, समाज का आईना

‘फैंड्री’ फिल्म ने एक बार फिर याद दिलाया कि जिंदगी अमर चित्रकथा जैसी बिल्कुल नहीं है। शहरों में पले बढ़े युवाओं को ‘फैंड्री’ के गांव को देखकर झटका सा लगता है। वह फिल्मों में नजर आने वाला कोई यूटोपियन गांव नहीं है।

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