आखिर मर्जी है आपकी, क्योंकि…
हमें निर्बाध गति भी चाहिए और निष्कलंक श्वास भी। फिर समाधान कहा हैं? हमारी चिंताओं के ये दोनों छोर मध्यप्रदेश में दिखाई दे रहे हैं।
हमें निर्बाध गति भी चाहिए और निष्कलंक श्वास भी। फिर समाधान कहा हैं? हमारी चिंताओं के ये दोनों छोर मध्यप्रदेश में दिखाई दे रहे हैं।
सच में अजीब ही होती हैं हम बचपन से लेकर बुढ़ापे को लांघती लड़कियां! हम जिसे भी अपनाते हैं, वो हमारे दिलों में आजीवन हमारा होकर ही रहता है।