40 साल गुजरे, गंगा मैली की मैली, 18 साल और …
हकीकत यह है कि बहुप्रचारित नमामि गंगे कार्यक्रम पर लगभग 40,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद गंगा अभी भी अंधेरी है। स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों दोनों का कहना है कि नदी ज्यादा साफ नहीं हुई है। सीवेज उपचार संयंत्र ठीक से कार्य नहीं कर रहे हैं। रेत खनन, ड्रेजिंग और अनियमित और अनुशासनहीन पर्यटन जैसी गतिविधियां नदी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं ।