Maghar: Kabir’s Legacy and the Quest for Truth
This journey is a form of spiritual practice, where one encounters the fleeting nature of life and the timelessness of love.
Maghar: Kabir’s Legacy and the Quest for Truth जारी >
This journey is a form of spiritual practice, where one encounters the fleeting nature of life and the timelessness of love.
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पापा के ऑफिस की जो चीज मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करती वो था हाथ से खींचे जाने वाला पंखा। मेरा दूसरा प्यार था पापा को मिली जीप। मैं हमेशा इस गुंताड़े में रहता कि कैसे इसे चलाएं!
लगता था ड्राइवर से अच्छी जिंदगी किसी की नहीं… जारी >
सो बचपन में उस वक्त तक मैंने अपने दो गुणो और दक्षताओं (skills and competencies) को साबित कर दिया था। वालेंटियर होना और डेयरिंग होना जो एक डेवलपमेंट वर्कर की एसेंशियल क्वालिफिकेशंस है।
आखिर मैं साबित कर पाया कि ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ जारी >
इस उम्र में बिना टिकट पकड़े जाने का भय सर पर सवार था। गाड़ी अपनी गति पकड़ चुकी थी, सह-यात्री अपने बिस्तर बिछा कर लेट गए थे। मां–बेटी, अपने गुप्त श्वान के साथ, परदे खींच कर मौन थे। मैं एक मृत्यु–दंड मिले, मुजरिम की तरह, जल्लाद का इंतजार कर रहा था।
रेलयात्रा की व्यथा कथा-अंतिम भाग: टिकट कैंसल का संदेश और बेटिकट हो जाने की धुकधुकी जारी >
आश्चर्य की बात थी कि सेकंड एसी कोच में जीआरपी का कोई जवान नहीं था और पास के अन्य कोच में भी नहीं। जिन पर यात्रियों की जानमाल की हिफाज़त की जिम्मेदारी रहती है।
रेलयात्रा आपबीती: कसम खाई, ऐसी ट्रेन में सफर नहीं करेंगे जारी >
सुविधाओं के मामले में हम वर्ल्ड क्लास स्टेशनों के उपयोगकर्ता कहलाने लगे हैं लेकिन सुविधाएं दोयम दर्जे की ही हैं। कितना कष्टदायक है कि एक यात्री अपनी गाड़ी के इंतजार में घंटों प्लेटफार्म पर बैठा रहता है और उसे सटीक जानकारी भी नहीं मिल पाती है कि उसकी गाड़ी आखिर कब पहुंचेगी।
रेलयात्रा की व्यथा कथा-3: नाम वर्ल्ड क्लास लेकिन रखरखाव का क्लॉज ही नहीं जारी >
सरकार को जनरल कोच में यात्रा करने वाले गरीब यात्रियों का भी सोचना चाहिए, क्योंकि सबसे ज्यादा असुरक्षित वहीं होते हैं।
रेलयात्रा आपबीती: सबसे ज्यादा यात्रियों के लिए सिर्फ दो जनरल बोगी! जारी >
भारतीय रेलवे यूं तो सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है लेकिन यात्रियों की बुनियादी समस्याएं जस की तस है। बरसों से वैसी हीं।
रेलयात्रा की व्यथा कथा-2: इस जिम्मेदारी का भी ठेका दे दें जारी >
आइए, बतौर नागरिक हम एक पहल करें। एक चर्चा की शुरुआत करें। रेलयात्रा की अपनी कथा-व्यथा को साझा करें। शायद हमारी बात कुछ कानों तक पहुंचे।
रेलयात्रा की व्यथा कथा-1: जो मैं सुन रहा हूं, और भी सुने जारी >