Ameen Sayani Death: ख्वाबों सी आवाज, जादू सा असर
अमीन सयानी ने परंपरा से हट कर काम किया। भाइयो और बहनों सुनने के आदी समाज में बहनों और भाइयों कह कर महिलाओं को सम्मान देने की शुरुआत की।
अमीन सयानी ने परंपरा से हट कर काम किया। भाइयो और बहनों सुनने के आदी समाज में बहनों और भाइयों कह कर महिलाओं को सम्मान देने की शुरुआत की।
‘एक दूजे के लिए’ उस ज़माने की फ़िल्म थी जब प्रेम होते ही प्रेमीजन बिस्तर पर कूद नहीं जाते थे। प्रेम का मतलब तब रोमांस ही होता था,’लव मेकिंग’ नहीं। कुछ झिझक बाक़ी थी। उदारीकरण आठ दस साल और दूर था।
सभी फोटो: गिरीश शर्मा आज समोसे की कथा जानिये। समोसा जिसे कोई तिकोना कहता है, कोई चमोचा भी। तिकाने आकारा…
प्रख्यात हिंदी भाषाविद, लेखक और रतलाम महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. जयकुमार जलज का बीते दिनों देहांत हुआ। उनके कृतित्व को नमन करते हुए उनके ही द्वारा बताई गई घटना यहां प्रस्तुत है। आपातकाल के दौरान की यह घटना वास्तव में मूल्यों के प्रति आस्था और जीवन का सटीक उदाहरण है।
मेरा पहला प्यार मुझे जब मिला तब मैं शायद साढ़े पांच साल की रही होंगी। मैं बोलती गयी, वो मुस्कुराता रहा और फिर जब मैंने अपने आसपास देखा तो सभी मुझे तारीफ भरी नजरों से देख रहे थे।
जब कभी मैं उदास होती हूं तो वह मुझे आवाज देती है-मानो कह रही हो, ‘चलो दोस्त लॉन्ग ड्राइव पर चलते हैं।’ मुझे उससे और उसे मुझसे गहरा इश्क है। उसके पहिये मेरे लिए पंख हैं। मैं उनके दम पर उड़ान भरती हूं।
‘फिलामेंट एलिमेंट :हंसध्वनि’, हमारे नए कॉलम का नाम है, ऐसा इसलिए कि आज का दौर न्यूक्लियस फैमिली का है, जिसमें दो पीढ़ियों के बीच संवाद और मिलन का अभाव है और इन के बीच मौजूद तीसरी पीढ़ी उपेक्षा महसूस करती हुई अकेलेपन का शिकार है। कोशिश होगी कि ‘फिलामेंट एलिमेंट: हंसध्वनि’ कॉलम में विषयों का तात्विक विवेचन हो।
छुटकी चहकी,फिर से बोली/ बसंत आता है कब? कब?/ दीदी ने भी की ठिठोली,फूल खिलते हैं तब…
आज आपको अपने संग सैर करवाती हूं मुरैना जिले के सिहोनिया कस्बे में स्थित ‘ककनमठ मंदिर’ की, जो भुरभुरी रेतीली मिट्टी वाले खेतों के बीच खड़ा इतराता है। यह मंदिर अपनी अचरज भरी विशिष्टता के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
अगर यह कहूं कि यह फिल्म सिनेमा की भाषा में लिखी गई कविता है तो यह बहुत सतही टिप्पणी होगी। आसान सी। ऐसा लगेगा कि उस कवित्त तक पहुंचा ही नहीं जो सिनेमा में रचा गया है।