अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ –
उमर खैय्याम की रूबाइयां से प्रेरित ‘मधुशाला’, ‘मधुबाला’ और ‘मधुकलश’ बच्चन की रचना-त्रयी है। मधुशाला की रचना के कारण हरिवंश राय बच्चन को ‘हालावाद का पुरोधा’ भी कहा जाता है।
अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ – जारी >