अपने भीतर ज्यादा से ज्यादा शून्यता पैदा करें …
शून्यता दरअसल बासीपन और ताजगी के बीच बनी हुई एक लकीर है जिसका आकार अधिक बड़ा करने की जरूरत है। यह जगह अपने आप में बड़ी डायनामिक है। यह परमानंद का ठिकाना है।
शून्यता दरअसल बासीपन और ताजगी के बीच बनी हुई एक लकीर है जिसका आकार अधिक बड़ा करने की जरूरत है। यह जगह अपने आप में बड़ी डायनामिक है। यह परमानंद का ठिकाना है।
सबकुछ विनेश के खिलाफ था लेकिन वह किसी चमत्कार की उम्मीद में वजन कक्ष में पहुंचीं। वहां कोई चमत्कार नहीं हुआ और उनका वजन 100 ग्राम अधिक निकला।
एक तथ्य सर्वस्वीकृत होना चाहिए कि सेक्स वर्कर भी समाज के समतुल्य नागरिक हैं, और कई बार तो वे कहीं बेहतर इंसान होते हैं।
जीवन बहुत सरल था। सुबह उठो और नर्मदा जी में नहा के आओ, तैरो और पल्ले पार तक तैर के आओ। नर्मदा जी में हर तरह की मछलियां और पानी के जीव शरण पाते, और लोगों का भोजन बनते।
हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने उजागर कर दिया है कि पूर्ण साक्षर राज्य केरल फिल्म इंडस्ट्री के क्षेत्र में पूरी तरह पितृसत्तात्मक व्यवस्था के चंगुल में है।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केरल में तबाही का भयावह तांडव चल रहा है। यह सब जलवायु परिवर्तन का नतीजा है। लेकिन जो चीज इसे और विकराल बना रही है, वह है नफा-नुकसान सोचे बिना हो रहा ‘विकास’।
त्रेता का राम ऐसा मनुष्य है जो निरंतर देव बनने की कोशिश करता रहा। इसीलिए उसमें आसमान के देवता का अंश कुछ अधिक है। द्वापर का कृष्ण ऐसा देव है जो निरंतर मनुष्य बनने की कोशिश करता रहा। उसमें उसे संपूर्ण सफलता मिली।
अशफ़ाक की मधुर आवाज गूंजती, “आरती का समय हो गया है। सभी बहनों, भाइयों, माताओं, बच्चों से से निवेदन है कि वो गणपति/मां दुर्गा के पास आएं और आशीर्वाद पाएं।”
हर किसी को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। मरने की प्रक्रिया में गरिमा अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का हिस्सा है। इस प्रकार, स्वतंत्र और सक्षम मानसिक स्थिति वाला व्यक्ति यह तय करने का हकदार है कि उसे चिकित्सा उपचार स्वीकार करना है या नहीं।
यह अद्भुत कस्बा पूरी तरह नर्मदा माई का बच्चा था। सारे तीज-त्यौहार, उत्सव, मेले, माई के बिना अधूरे रहते। निवासियों की दिनचर्या भी पूरी तरह माई पर निर्भर थी।