कहीं का नहीं छोड़ेगा यह बिगड़ा नवाब

आज बरबस ही चाँद याद आ रहा है। पूर्णिमा पर चाँद पूरे शबाब पर होता है, अपनी 64 कलाओं के साथ। यूँ देखें तो चाँद केवल एक उपग्रह हैं और भावनात्मक दृष्टिकोण कहता हैं कि चाँद हमारा ‘मामा” है। बचपन में परिवार के बाहर अगर किसी से नाता जुड़ता है…

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