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एक दूजे के लिए: एक खूबसूरत मौसम की याद
‘एक दूजे के लिए’ उस ज़माने की फ़िल्म थी जब प्रेम होते ही प्रेमीजन बिस्तर पर कूद नहीं जाते थे। प्रेम का मतलब तब रोमांस ही होता था,’लव मेकिंग’ नहीं। कुछ झिझक बाक़ी थी। उदारीकरण आठ दस साल और दूर था।
‘एक दूजे के लिए’ उस ज़माने की फ़िल्म थी जब प्रेम होते ही प्रेमीजन बिस्तर पर कूद नहीं जाते थे। प्रेम का मतलब तब रोमांस ही होता था,’लव मेकिंग’ नहीं। कुछ झिझक बाक़ी थी। उदारीकरण आठ दस साल और दूर था।
प्रख्यात हिंदी भाषाविद, लेखक और रतलाम महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. जयकुमार जलज का बीते दिनों देहांत हुआ। उनके कृतित्व को नमन करते हुए उनके ही द्वारा बताई गई घटना यहां प्रस्तुत है। आपातकाल के दौरान की यह घटना वास्तव में मूल्यों के प्रति आस्था और जीवन का सटीक उदाहरण है।
मेरा पहला प्यार मुझे जब मिला तब मैं शायद साढ़े पांच साल की रही होंगी। मैं बोलती गयी, वो मुस्कुराता रहा और फिर जब मैंने अपने आसपास देखा तो सभी मुझे तारीफ भरी नजरों से देख रहे थे।
जब कभी मैं उदास होती हूं तो वह मुझे आवाज देती है-मानो कह रही हो, ‘चलो दोस्त लॉन्ग ड्राइव पर चलते हैं।’ मुझे उससे और उसे मुझसे गहरा इश्क है। उसके पहिये मेरे लिए पंख हैं। मैं उनके दम पर उड़ान भरती हूं।
‘फिलामेंट एलिमेंट :हंसध्वनि’, हमारे नए कॉलम का नाम है, ऐसा इसलिए कि आज का दौर न्यूक्लियस फैमिली का है, जिसमें दो पीढ़ियों के बीच संवाद और मिलन का अभाव है और इन के बीच मौजूद तीसरी पीढ़ी उपेक्षा महसूस करती हुई अकेलेपन का शिकार है। कोशिश होगी कि ‘फिलामेंट एलिमेंट: हंसध्वनि’ कॉलम में विषयों का तात्विक विवेचन हो।
आज आपको अपने संग सैर करवाती हूं मुरैना जिले के सिहोनिया कस्बे में स्थित ‘ककनमठ मंदिर’ की, जो भुरभुरी रेतीली मिट्टी वाले खेतों के बीच खड़ा इतराता है। यह मंदिर अपनी अचरज भरी विशिष्टता के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
सरकारी सर्वे के दौरान महिलाओं से बात करने के लिए घर आंगन में कुछ देर बैठना हो जाता था। ऐसे ही सर्वे में एकबार सुवासरा के मीणा मोहल्ले में जाना यादगार अनुभव बन गया।
कभी लगता कि ऐसा होता उसके एक किरदार का नाम मेरा होता। मैं कभी उसके संग समंदर की लहरों में छलांगें लगाता, कभी गोद में उसकी सर रख, सो ही जाता। क्या भरोसा वो सो जाती कभी मेरी तहों में जैसे खो जाते है दो जिस्म चादर की सिलवटों में। क्या जाने, क्या होता। वो मेरी होती, मैं उसका होता।