क्या सभी देशवासियों के लिए कानून समान हैं?

पुणे में जो घटना हुई है वह जघन्यतम अपराध है इसे किशोर न्याय के नाम पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए बल्कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों पर फिर से विचार किया जाना चाहिए और विसंगतियों को दूर किया जाना चाहिए।

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