अभी तो खुश्क पैरों पे मुझे रिमझिम भी लिखनी है…
दो मिसरों में दो ख़याल बांधते हुए उनमें रब्त कायम करना यह शाइर की खूबी होती है। इस लिहाज से जनाब जसवंत राय शर्मा उर्फ़ नक्श लायलपुरी का यह शेर विराधाभासों में ख़ूबसूरती पैदा करता है।
अभी तो खुश्क पैरों पे मुझे रिमझिम भी लिखनी है… जारी >