
मेरे प्रेम करने के सपने उस घटना के साथ चूर-चूर हो गए
रास्ते भर मैं मंत्रमुग्ध सा, दूर-दूर तक बरसते पानी, फैले हुए खेत और कमर झुकाए कतार में आगे बढ़ते महिला-पुरुषों को देख रहा था।
रास्ते भर मैं मंत्रमुग्ध सा, दूर-दूर तक बरसते पानी, फैले हुए खेत और कमर झुकाए कतार में आगे बढ़ते महिला-पुरुषों को देख रहा था।
रास्ते भर मैं मंत्रमुग्ध सा, दूर-दूर तक बरसते पानी, फैले हुए खेत और कमर झुकाए कतार में आगे बढ़ते महिला-पुरुषों को देख रहा था।
पिछड़ी जाति की राजनीति के धुरंधर खिलाडी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में फिर अपना आपा खो बैठे। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल की महिला विधायक रेखा देवी पर भड़कते हुए एक विवादास्पद टिप्पणी की।
यह पुस्तक हमें सिखाती है कि प्रेम एक यात्रा है, गंतव्य नहीं। इसके लिए निरंतर प्रयास, धैर्य और खुलापन आवश्यक है।
दो खिड़की। एक पापा के लिए आरक्षित। दूसरी के छह दावेदार। यात्रा की शुरुआत ही युद्ध से होना तय था।
प्लास्टिक की घास और केमिकल पेंट की महक वाले नकली छोटे मैदानों में न खेल असली हो पाता है और न ही भावनाएं।
अक्सर लगता है वह मदद मांग रहा है, 10-20 रुपए देने से क्या होगा और थोड़ी ज्यादा रकम उसके हवाले कर कसम खाता हूं कि अगली बार धोखा नहीं खाऊंगा।
पन्ना में, मैं अपनी उम्र के दस बरस तक रहा पर उसकी यादें आज भी अमिट हैं। पन्ना का पन्ना समेटने से पहले उन्हें याद करना लाजमी है।
पन्ना की जो खासियत मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करती थी,वो था प्राणनाथ मंदिर का गजर। गजर हर घंटे अपनी टंकार से पन्नावासियों को समय बताता, और हर प्रहर के बदलने की जानकारी भी देता।
पापा के ऑफिस की जो चीज मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करती वो था हाथ से खींचे जाने वाला पंखा। मेरा दूसरा प्यार था पापा को मिली जीप। मैं हमेशा इस गुंताड़े में रहता कि कैसे इसे चलाएं!