‘मिशन जंजीर फ्री’ के पहले कदम की प्रतीक्षा

अब समय की मांग है कि हम मनुष्यों के असंयमित व्यवहार को बदलने की शुरूआत आवारा,हिंसक और शिकारी स्वभाव के कुत्तों और जंजीरों में कैद ट्रेनिंग के बाद भी इनडिसिप्लिन्ड,अनुशासनहीन कुत्तों से करें। पक्षियों से शुरूआत हम कर ही चुके हैं।

‘मिशन जंजीर फ्री’ के पहले कदम की प्रतीक्षा जारी >

शरतचंद्र की सलाह, अनुभव लिखना, व्‍यर्थ की कल्‍पना के चक्‍कर में न पड़ना

मैदान मैं लड़नेवाले सिपाही को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए जिस प्रकार नित्य की कवायद बहुत आवश्यक होती है, उसी प्रकार लेखक के लिए उपरोक्त अभ्यास भी नितांत आवश्यक है।

शरतचंद्र की सलाह, अनुभव लिखना, व्‍यर्थ की कल्‍पना के चक्‍कर में न पड़ना जारी >

आखिर मर्जी है आपकी, क्‍योंकि…

हमें निर्बाध गति भी चाहिए और निष्‍कलंक श्‍वास भी। फिर समाधान कहा हैं? हमारी चिंताओं के ये दोनों छोर मध्‍यप्रदेश में दिखाई दे रहे हैं।

आखिर मर्जी है आपकी, क्‍योंकि… जारी >

चाय को चाय ही रहने दो …

उन्होंने पूछा, ‘आप कौन सी चाय पियेंगी?’ मेरे लिए यह स्थिति और यह प्रश्न दोनों नए थे। मैं दो-तीन तरह की चाय के बारे में जानती थी लेकिन चाय की इतनी किस्में…तौबा तौबा। मैंने किसी तरह बस इतना कहा- ‘मैं सिंपल चाय लूंगी सर।’ मेजबान मुस्कराये, मानो मेरी कमअक्ली पर मन ही मन हंसे।

चाय को चाय ही रहने दो … जारी >

रचता है, वही तो बचता है

सृजनात्मकता अपने आपमें ही बड़ी कोमल वस्तु है। सही अर्थ में एक गहरे सृजनशील व्यक्ति के लिए आज का समय तरह तरह की अनिश्चितताओं और संदेहों से भरा हुआ है। फिर भी बात यही सच है कि जो रचेगा, आखिर में वही बचेगा।

रचता है, वही तो बचता है जारी >

Ameen Sayani Death: ख्‍वाबों सी आवाज, जादू सा असर

अमीन सयानी ने परंपरा से हट कर काम किया। भाइयो और बहनों सुनने के आदी समाज में बहनों और भाइयों कह कर महिलाओं को सम्‍मान देने की शुरुआत की।

Ameen Sayani Death: ख्‍वाबों सी आवाज, जादू सा असर जारी >

मालवा का स्‍वाद: बेसन गट्टे बनने के पहले बालभोग

जब भी घर पर मां बेसन गट्टे बनाती थी हम चौके चुल्हे के आसपास मंडराते रहते थे। बेसन में मिर्च-मसाला और मोइन डाल जब लकड़ी के पाटले पर दोनों हाथों से बेलनाकार बना कर उन्‍हे उबला जाता तो हमारे मुंह में स्‍वाद घुल जाता।

मालवा का स्‍वाद: बेसन गट्टे बनने के पहले बालभोग जारी >

हिट विकेट कमलनाथ, अब चलो, चलो…

इस पूरे घटनाक्रम का हासिल यह है कि कमलनाथ ‘हिट विकेट’ हो गए हैं। कुशल राजनेता खुद अपने ही खेमे में गोल कर बैठे। बीजेपी में उनका जाना रूक गया मतलब फिलहाल बीजेपी नेतृत्‍व ने उन्‍हें हाथोंहाथ नहीं लिया है। और, इधर कांग्रेस में वे संदिग्‍ध हो गए।

हिट विकेट कमलनाथ, अब चलो, चलो… जारी >

एक दूजे के लिए: एक खूबसूरत मौसम की याद

‘एक दूजे के लिए’ उस ज़माने की फ़िल्म थी जब प्रेम होते ही प्रेमीजन बिस्तर पर कूद नहीं जाते थे। प्रेम का मतलब तब रोमांस ही होता था,’लव मेकिंग’ नहीं। कुछ झिझक बाक़ी थी। उदारीकरण आठ दस साल और दूर था।

एक दूजे के लिए: एक खूबसूरत मौसम की याद जारी >