
यादों के गलियारों में खूशबुओं का फेरा
आज से कई दशकों पहले मैनपुरी में साल में चार-चार मेले लगा करते थे ठाकुर जैत सिंह जी और ठाकुर माधव सिंह जी (माधौ) की जमींदारी में। जैतसिंह जी की बिटिया और माधव सिंह जी की बहना हमारी अम्मा मतलब दादी मां थी। समय बीतते के संग लोग भी वैकुंठ चले गए। पीछे जो रह गया वे हैं …