वो चेहरा किताबी रहा सामने, खूबसूरत मुलाकात हुई  

पद्मश्री बशीर बद्र को देखकर इस बात का इत्‍मीनान हुआ कि आज भी हिंदुस्तान में उर्दू की एक अजीम हस्ती मौजूद है। हालांकि मुलाकात एक तरफा ही थी। डॉ. साहब अपनी ही दुनिया में खोए हुए थे। 

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