Ameen Sayani Death: ख्वाबों सी आवाज, जादू सा असर
अमीन सयानी ने परंपरा से हट कर काम किया। भाइयो और बहनों सुनने के आदी समाज में बहनों और भाइयों कह कर महिलाओं को सम्मान देने की शुरुआत की।
Ameen Sayani Death: ख्वाबों सी आवाज, जादू सा असर जारी >
अमीन सयानी ने परंपरा से हट कर काम किया। भाइयो और बहनों सुनने के आदी समाज में बहनों और भाइयों कह कर महिलाओं को सम्मान देने की शुरुआत की।
Ameen Sayani Death: ख्वाबों सी आवाज, जादू सा असर जारी >
जब भी घर पर मां बेसन गट्टे बनाती थी हम चौके चुल्हे के आसपास मंडराते रहते थे। बेसन में मिर्च-मसाला और मोइन डाल जब लकड़ी के पाटले पर दोनों हाथों से बेलनाकार बना कर उन्हे उबला जाता तो हमारे मुंह में स्वाद घुल जाता।
मालवा का स्वाद: बेसन गट्टे बनने के पहले बालभोग जारी >
इस पूरे घटनाक्रम का हासिल यह है कि कमलनाथ ‘हिट विकेट’ हो गए हैं। कुशल राजनेता खुद अपने ही खेमे में गोल कर बैठे। बीजेपी में उनका जाना रूक गया मतलब फिलहाल बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें हाथोंहाथ नहीं लिया है। और, इधर कांग्रेस में वे संदिग्ध हो गए।
हिट विकेट कमलनाथ, अब चलो, चलो… जारी >
‘एक दूजे के लिए’ उस ज़माने की फ़िल्म थी जब प्रेम होते ही प्रेमीजन बिस्तर पर कूद नहीं जाते थे। प्रेम का मतलब तब रोमांस ही होता था,’लव मेकिंग’ नहीं। कुछ झिझक बाक़ी थी। उदारीकरण आठ दस साल और दूर था।
एक दूजे के लिए: एक खूबसूरत मौसम की याद जारी >
लाल लाल थी आंखें उसकी/नारंगी थी जबान/ हरे पीले दांत थे उसके/नीली नीली सी मुस्कान
बाल कविता: सतरंगी इंद्रधनुष जारी >
सभी फोटो: गिरीश शर्मा आज समोसे की कथा जानिये। समोसा जिसे कोई तिकोना कहता है, कोई चमोचा भी। तिकाने आकारा का यह दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है। यह कचौरी और आलूबड़े की बिरादरी का समान रूप से चर्चित
लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले दिल्ली में भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हो रहा है। दो दिनी अधिवेशन के पहले दिन 17 फरवरी को पारित राजनीतिक प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया कि मोदी सरकार के 10
मोदी सरकार यानी देश में राम राज जारी >
भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पीएम मोदी ने कहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में 370 से ज्यादा सीटें जीतनी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रत्याशी व्यक्ति नहीं पार्टी निशान कमल होगा। इस बीच कांग्रेस के झंडाबरदार रहे कमलनाथ
और कमलनाथ हो जाएंगे कमल के जारी >
शोले फिल्म का गाना है, ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे… मगर एमपी की राजनीति के दो दोस्तों की दोस्ती 50 साल बाद टूटने जा रही है। हम बात कर रहे हैं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की। कमलनाथ के कांग्रेस छोड़
ये दोस्ती हम तोड़ेंगे…50 साल बाद अब क्या? जारी >
महाराष्ट्र की राजनीति में पवार परिवार की लड़ाई पहले घर से सड़क पर आई और अब सड़क से बूथ पर आने के आसार बन गए है। पूरी संभावना है कि परिवार का साथ छोड़ कर गए अजित पवार बारामती से
महाराष्ट्र में परिवार की लड़ाई सड़क से बूथ तक जारी >